हमारे सनातन संस्कृति में पूर्व से ही श्रीलक्ष्मीजी की पूजा प्रधान है…
किंतु केवल सिक्को और संपत्ति को लक्ष्मी समझना योग्य नही।
इन 8 प्रकार से होती है माँ लक्ष्मी की कृपा
1) आदि लक्ष्मी – जब हमें अपने मूल स्रोत का ज्ञान नही होता तब हम खुद को छोटा समझते है या असुरक्षित.. आदिलक्ष्मी का ज्ञान हमे असीम शक्ति से जोड़ता है..
2) धनलक्ष्मी – जीवन आरामदायी,सुखदाई हो ये है धनलक्ष्मी की कृपा..
3) धान्यलक्ष्मी – सही मात्रा में, सही समय, सही प्रकार का भोजन हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखें यही है धान्यलक्ष्मी की कृपा
4) धैर्यलक्ष्मी – जीवन में अनेकों उतार- चढ़ाव आनेके बाद भी हमारा मन स्थिर हो यही है धैर्यलक्ष्मी
5) विद्यालक्ष्मी – हमारे कौशल्य का उपयोग केवल स्वार्थ नही तो समाज के उन्नति के लिए भी हो यही है विद्यालक्ष्मी
6) संतानलक्ष्मी – हमारे विचार,कर्म संस्कार के साथ हमारी संतान आगे ले जाए यही है संतानलक्ष्मी
7) भाग्यलक्ष्मी – हम सबके भीतर नेतृत्व करने का गुण भाग्यलक्ष्मी की कृपा दर्शाता है.
8) विजयलक्ष्मी – मेहनत तो हमें करनी ही है पर कार्य की सिद्धि विजयलक्ष्मी की कृपा है